
Vaibhav Suryavanshi created history: भारतीय युवा क्रिकेट के उभरते सितारे वैभव सूर्यवंशी ने एक शानदार प्रदर्शन करते हुए युवा टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम उम्र में अर्धशतक लगाने और विकेट लेने वाले खिलाड़ी बनने का नया रिकॉर्ड अपने नाम किया है।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले युथ टेस्ट मैच में सूर्यवंशी ने पहली पारी में भले ही सिर्फ 14 रन बनाए, लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने सिर्फ 44 गेंदों में 56 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। इसके साथ ही अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज़ी से दो महत्वपूर्ण विकेट भी झटके।
एक दशक पुराना रिकॉर्ड टूटा
सिर्फ 14 साल की उम्र में ऐसा कारनामा कर सूर्यवंशी ने इतिहास रच दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड बांग्लादेश के मेहदी हसन मिराज के नाम था, जिन्होंने 2013 में श्रीलंका के खिलाफ मीरपुर में 15 साल 167 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।
वैभव सूर्यवंशी की खास बात यह भी है कि वह अब तक दो बार इस दुर्लभ उपलब्धि को हासिल कर चुके हैं, यानी युथ टेस्ट में दो बार अर्धशतक और विकेट लेने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए हैं। इस खास क्लब में भारत के पूर्व खिलाड़ी सुरेश रैना भी शामिल हैं, जिन्होंने 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलंबो में 15 साल 242 दिन की उम्र में यह कारनामा किया था।
भारत बनाम इंग्लैंड युथ टेस्ट मैच का सारांश
भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए शानदार प्रदर्शन किया और कप्तान आयुष म्हात्रे के शतक, और विहान मल्होत्रा, अभिज्ञान कुंडू (विकेटकीपर), राहुल कुमार, और आरएस अम्बरीश के अर्धशतकों की मदद से 540 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से एलेक्स ग्रीन और राल्फी एल्बर्ट ने तीन-तीन विकेट लिए।
जवाब में इंग्लैंड की टीम 439 रन पर ऑलआउट हो गई, जिसमें रॉकी फ्लिंटॉफ ने 93 रन बनाए। भारत के हेनिल पटेल ने तीन विकेट चटकाए।
दूसरी पारी में भारत की टीम 248 रन पर सिमट गई, जिसमें एक बार फिर विहान मल्होत्रा ने 63 रनों की अहम पारी खेली। इंग्लैंड के लिए आर्ची वॉन ने छह विकेट झटके।
इंग्लैंड को जीत के लिए 350 रनों का लक्ष्य मिला, लेकिन वे 50 ओवरों में 270/7 रन ही बना सके, जिससे मैच ड्रॉ हो गया। हालांकि, इस मुकाबले में वैभव सूर्यवंशी का प्रदर्शन सबसे बड़ी चर्चा का विषय रहा और उन्होंने भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की झलक पेश कर दी।
निष्कर्ष:
वैभव सूर्यवंशी का यह रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन न सिर्फ भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत के पास भविष्य के लिए कितने प्रतिभाशाली खिलाड़ी मौजूद हैं। इतनी कम उम्र में ऐसा प्रदर्शन करना वास्तव में प्रेरणादायक है।
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