IND vs AUS Final: आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 में सबसे फेवरेट मानी जा रही टीम इंडिया आखिरी लाइन पर एक बार फिर से फिसल गई। रविवार को रोहित शर्मा एंड कंपनी का वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट कर चूर-चूर हो गया, जब ऑस्ट्रेलिया के हाथों फाइनल मैच में 6 विकेट से हार मिली। इस हार के बाद टीम इंडिया के खेमे से लेकर पूरे भारत में निराशा का माहौल साफ नजर आ रहा है, जहां 1.35 करोड़ लोगों के अरमान बिखर गए।
भारत की हार की 5 वजह
रोहित शर्मा की अगुवायी में खेल रही टीम इंडिया ने यहां तक का सफर अपने चैंपियन वालें अंदाज में पूरा किया था। जिसमें लगातार 10 मैच जीतने के बाद फाइनल मैच में फिर से चोक हो गए। अहमदाबाद में खेले गए इस खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारतीय टीम पर खेल के हर विभाग में भारी पड़ी और उन्होंने छठी बार खिताब को अपने नाम किया। इस फाइनल मैच में मिली हार के बाद चलिए आपको बताते हैं हार की 5 वजह
कप्तान रोहित शर्मा का गैर जिम्मेदाराना शॉट
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का इस पूर्व वर्ल्ड कप में गेंदबाजों पर खौफ रहा। हिटमैन ने लगभग हर एक मैच में टीम को बहुत ही जबरदस्त शुरुआत दिलायी। उन्होंने फाइनल मैच में भी विस्फोटक पारी खेलकर तेज तर्रार शुरुआत दी। लेकिन फाइनल जैसे बड़े मैच की जिम्मेदारी को कुछ हद तक उन्हें निभाना था। रोहित शर्मा 30 गेंद में 47 रन बना चुके थे। और जिस ओवर में आउट हुए उसी में एक चौका और 1 छक्का लगा चुके थे। इसके बाद ग्लेन मैक्सवेल को एक और बड़ी हिट लगाने के चक्कर में मिस हिट लगवा बैठे और आउट हो गए। रोहित शर्मा को यहां कहीं ना कहीं बड़े मैच की अहमियत को जानकर जिम्मेदारी से खेलना था
11 से 40 ओवर के बीच लग सकी केवल 4 बाउन्ड्री
फाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने बहुत ही जबरदस्त शुरुआत की थी, जहां शुरु के 10 ओवर में ही 80 रन बना डाले थे। इसके बाद वो शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील कर सकते थे। लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजों का अगले 30 ओवरों में यानी 11 से 40 ओवर तक काफी धीमी बल्लेबाजी रही। केएल राहुल और विराट कोहली 11 से लगभग 30 ओवर तक खेलते रहे। इसके बाद राहुल और अन्य बल्लेबाज खेलते रहे। इसके बावजूद भी वो इन 30 ओवर यानी 180 गेंद में केवल 4 बाउन्ड्री लगा सके। यहां अगर बल्लेबाज कुछ बाउन्ड्री लगाने का इरादा दिखाते तो स्कोर आसानी से 270 या उससे पार जा सकता था।
सूर्यकुमार यादव नहीं अदा कर सके फिनिशिंग रोल
टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद सूर्यकुमार यादव को काफी अच्छा मौका मिला। उन्होंने इस वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए मैच के बाद से फाइनल तक लगातार 6 मैच खेले, लेकिन कभी भी उनकी बैटिंग में वो बात नहीं दिखी जिसके लिए उन्हें जाना जाता है। फाइनल मैच में उन्होंने 27 गेंद खेली, लेकिन केवल 18 रन बना सके। उन्होंने आखिरी के ओवर्स में बाउन्ड्री लगाने का कोई भी चांस नहीं लिया। मैच फिनिशर के रूप में माने जाने वाले सूर्या उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके।
तेज गेंदबाजों की शुरुआत को नहीं भुना सके स्पिनर्स
भारतीय टीम इस मैच में केवल 240 रन ही बना सकी। जिसके बाद मुश्किल दिख रही पिच पर गेंदबाजों को अपना काम करना था। तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया की टीम को केवल 47 रन के स्कोर पर 3 बड़े विकेट निकाल कर वापसी करवा दी थी। यहां से मैच जीतने के बारे में सोचा जा सकता था। लेकिन भारतीय टीम के स्पिन गेंदबाज तेज गेंदबाजों के द्वारा दी गई शुरुआत को जारी नहीं रख सके। स्पिनर्स में रवीन्द्र जडेजा और कुलदीप यादव दोनों ही पूरी तरह से फ्लॉप रहे, जो एक भी विकेट नहीं निकाल सके। आखिर में ये नाकामी काफी भारी पड़ी।
फाइनल मैच का दबाव नहीं खेल सके युवा खिलाड़ी
रोहित शर्मा की कप्तानी में खेल रही टीम इंडिया में इस वर्ल्ड कप का फाइनल मैच पहली बार खेलने वाले कईं युवा खिलाड़ी थी। जिसमें शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, मोहम्मद सिराज जैसे युवा चेहरे थे, तो साथ ही कुलदीप यादव भी थे जो भले ही अपना दूसरा वर्ल्ड कप खेल रहे थे, लेकिन वो वर्ल्ड कप फाइनल जैसे मैच का दबाव झेल नहीं सके और बिखर गए। इस मैच में गिल 4 रन, अय्यर 4 रन, सूर्या 18 रन बना सके, तो वहीं कुलदीप और सिराज भी गेंदबाजी में नाकाम रहे, जिसमें कुलदीप के खाते में कोई सफलता नहीं गई तो वहीं सिराज 7 ओवर में 45 रन लुटाकर केवल 1 विकेट ले सके। ये युवा खिलाड़ी दबाव में बिखर गए। जो हार की वजह बने।