ODI: जब भारत रविवार (19 अक्टूबर) को पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैदान में उतरेगा, तो यह भारतीय क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत और संभवतः एक पुराने युग के अंत का प्रतीक होगा।
यह पहली बार होगा जब रोहित शर्मा और विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम के लिए एक साथ खेलेंगे, जबकि शुभमन गिल पहली बार वनडे कप्तान के रूप में उतरेंगे।
अजित अगरकर द्वारा घोषित इस तीन मैचों की वनडे सीरीज़ भारतीय टीम के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है, क्योंकि यह 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीत के बाद पहली वनडे सीरीज़ है। अब टीम इंडिया की निगाहें पूरी तरह 2027 विश्व कप पर हैं।
क्या रोहित शर्मा को कप्तानी से हटाना सही फैसला है?
भारत जैसे भावनात्मक देश में कप्तान बदलने का फैसला अक्सर तर्क से ज़्यादा भावनाओं पर आधारित होता है। रोहित शर्मा को हटाना सभी के लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि उन्होंने आखिरी बार भारत को 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जिताई थी — वो भी बिना कोई मैच हारे।
रोहित का वनडे कप्तान के रूप में जीत प्रतिशत 75% रहा है (56 में से 42 जीत), जो दुनिया में 50 से अधिक मैच खेलने वाले कप्तानों में दूसरे नंबर पर है। उनसे बेहतर रिकॉर्ड सिर्फ क्लाइव लॉयड (76.2%) का है।
रोहित ने भारत को 2018 और 2023 एशिया कप, 2024 T20 वर्ल्ड कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जिताई। वह एमएस धोनी के बाद एकमात्र भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने एक से अधिक ICC ट्रॉफी जीती हैं।
समय कम, मैच भी कम
रोहित की उम्र अब 38 है और वह केवल एक ही फॉर्मेट (ODI) खेलते हैं। ऐसे में अगर भारत को 2027 विश्व कप में नया कप्तान तैयार करना है, तो यह सही समय है। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि अब से लेकर विश्व कप तक भारत को केवल 24 वनडे खेलने हैं — यानी औसतन हर महीने एक मैच।
इस उम्र में फिटनेस और फॉर्म दोनों बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है, इसलिए अजित अगरकर और टीम प्रबंधन ने लंबी योजना बनाते हुए शुभमन गिल को मौका देना रणनीतिक रूप से सही कदम उठाया है।
रोहित और विराट को सम्मान मिलना चाहिए
हाल के दिनों में कुछ रिपोर्ट्स आईं कि कोच गौतम गंभीर और अगरकर की नजर में 2027 विश्व कप के लिए विराट और रोहित दोनों को जगह नहीं दी जा रही। यह न केवल अनुचित है बल्कि इन दोनों दिग्गजों के करियर के प्रति असम्मान भी है।
विराट कोहली के नाम वनडे क्रिकेट में 14181 रन और 51 शतक हैं — जो उन्हें अब तक का सबसे महान वनडे बल्लेबाज़ बनाते हैं। रोहित शर्मा के नाम 11168 रन और 32 शतक हैं, जिनमें तीन दोहरे शतक शामिल हैं। वह भारत के इतिहास के सर्वश्रेष्ठ ओपनर्स में से एक हैं।
2023 विश्व कप और 2025 चैंपियंस ट्रॉफी दोनों में इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा।
- विराट ने 2023 वर्ल्ड कप में एक सीज़न में सबसे ज़्यादा रन (765) बनाए।
- रोहित ने 598 रन बनाए, स्ट्राइक रेट रहा 125.94 — जो किसी भी बल्लेबाज़ के लिए रिकॉर्ड है।
1 जनवरी 2023 से अब तक ODI में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़:
| खिलाड़ी | मैच | रन | औसत | स्ट्राइक रेट | शतक | अर्धशतक |
| पथुम निसंका | 51 | 2169 | 46.14 | 92.25 | 6 | 13 |
| शुभमन गिल | 40 | 2088 | 59.65 | 99.71 | 7 | 11 |
| कुसल मेंडिस | 58 | 2081 | 40.80 | 92.40 | 4 | 14 |
| चरित असलंका | 59 | 1869 | 42.47 | 91.61 | 4 | 11 |
| रोहित शर्मा | 38 | 1714 | 48.97 | 117.23 | 3 | 12 |
| विराट कोहली | 37 | 1710 | 61.07 | 95.85 | 7 | 10 |
यह तालिका दिखाती है कि उम्र के बावजूद रोहित और विराट अभी भी विश्व के टॉप परफॉर्मर्स में हैं।
रो-को को एक पैकेज के रूप में मत देखिए
हालाँकि दोनों का करियर समान समय पर है, लेकिन चयन में दोनों को अलग-अलग आंका जाना चाहिए।
- विराट कोहली की फिटनेस और निरंतरता उन्हें आगे तक बनाए रख सकती है।
- वहीं रोहित शर्मा का अनुभव और प्रेरणा — खासकर ODI वर्ल्ड कप जीतने की चाह — उन्हें अब भी टीम का अहम हिस्सा बनाती है।
भारत की विश्व कप जीत की सबसे बड़ी उम्मीद: रोहित और विराट
2027 विश्व कप जीतने के लिए भारत की सबसे मजबूत संभावना तभी है जब रोहित शर्मा और विराट कोहली टीम का हिस्सा हों।
दोनों ने यह साबित किया है कि ODI क्रिकेट सिर्फ तेज़ T20 जैसा नहीं होता, बल्कि धैर्य, तकनीक और अनुभव की जरूरत होती है — जो इन दोनों के पास प्रचुर मात्रा में है।
इंग्लैंड की 2023 वर्ल्ड कप में असफलता इस बात का उदाहरण है कि सिर्फ युवा खिलाड़ियों से टीम नहीं बनती। भारत को भी यही समझना होगा कि अनुभव और युवाओं का संतुलन ही सफलता की कुंजी है।
Perform or Perish – प्रदर्शन करो या बाहर हो जाओ
यह बात भी उतनी ही सही है कि किसी को स्थायी जगह की गारंटी नहीं होनी चाहिए। अगर रोहित और विराट रन नहीं बना पाते, तो भारत को नए चेहरों को मौका देना चाहिए।
लेकिन फिलहाल, दोनों के फॉर्म और प्रदर्शन को देखते हुए उन पर सवाल उठाना अनुचित और असम्मानजनक है।
निष्कर्ष
कप्तान बदलना समय की मांग थी, लेकिन दिग्गजों पर शक करना न्यायसंगत नहीं। रोहित शर्मा और विराट कोहली सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की पहचान हैं।
अगर भारत को 2027 विश्व कप जीतना है, तो इन दोनों को टीम का हिस्सा बनाना न केवल समझदारी है बल्कि सफलता की सबसे बड़ी गारंटी भी।
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