IND VS PAK Match: एशिया कप के आगाज होने के साथ ही फैंस की नजरें 2 सितंबर की तारीख पर जा टिकी हैं। वर्ल्ड क्रिकेट की दो सबसे बड़ी चिर-प्रतिदंद्वी टीमें भारत और पाकिस्तान इस दिन आमने-सामने होने वाले हैं। इस महामुकाबले के लिए दोनों ही टीमें पूरी तरह से तैयार हैं, जो एक-दूसरे को पटखनी देने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहते हैं। रोहित शर्मा एंड कंपनी यहां पर पाकिसतान को मात देने के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है। बैंगलुरू में कुछ दिनों के कैंप के बाद बुधवार को टीम इंडिया ने श्रीलंका की उड़ान भर ली है। श्रीलंका पहुंचते ही टीम के उपकप्तान हार्दिक पंड्या ने हुंकार भरी है।
हार्दिक पंड्या ने बताया, कैसे करेंगे पाक टीम का सामना
पाकिस्तान से होने वाले इस मैच को लेकर हार्दिक पंड्या ने टीम इंडिया के खास प्लान को बयां किया है। उन्होंने बताया कि कैसे इस मैच में खिलाड़ियों के अपने इमोशंस होते हैं और किस तैयारी के साथ इस मैच में पाक टीम का सामना करेंगे। भारत के उपकप्तान हार्दिक पंड्या ने स्टार स्पोर्ट्स के साथ बात करते हुए कहा कि, ‘‘यह ऐसा टूर्नामेंट है जिसमें मैंने देखा है कि इससे आपके जज़्बे और व्यक्तित्व की परख कैसे होती है। और साथ ही यह दिखाता है कि आप पानी में कितनी गहराई तक तैर (दबाव झेलने की काबिलियत) सकते हो। इसलिये मुझे ये सभी चीजें रोमांचित करती हैं। काफी भावनाएं खेल प्रेमियों से जुड़ी होती हैं। हमारे लिये एक अच्छी टीम से खेलना महत्वपूर्ण है, ऐसी बहुत अच्छी टीम के खिलाफ मुकाबला खेलना जिसने हाल के समय में काफी अच्छा खेल दिखाया हो।“
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इमोशंस को छोड़कर अच्छे क्रिकेट पर दे रहे हैं ध्यान
इसके बाद हार्दिक पंड्या ने आगे इस मैच को लेकर आने वाले दबाव और इमोशंस को लेकर कहा कि ‘‘हम बाहर की भावनाओं को बाहर ही रखने की कोशिश करते हैं और अच्छा क्रिकेट खेलने पर ध्यान लगाते हैं। हम इसके बारे में ज्यादा भावनात्मक नहीं हो सकते क्योंकि फिर कुछ फैसले लापरवाही भरे हो सकते हैं जिसमें मैं विश्वास नहीं करता। लेकिन साथ ही यह बड़ा टूर्नामेंट है। परिस्थितियों का अंदाजा लगाने के साथ रणनीतिक मानसिकता इसमें अहम भूमिका निभाती है।“
वनडे फॉर्मेट में मिलता है सोचने का वक्त, परिस्थितियां पढ़ने का मौका
स्टार ऑलराउंडर ने इसके बाद आगे कहा कि, “यह फॉर्मेट ऐसा है कि आपके पास सोचने के लिए थोड़ा ज्यादा समय रहता है। यह ऐसा फॉर्मेट है जिसमें आप ढल सकते हो, आपको परिस्थितियों का आदी होना होता है क्योंकि खेल 50 ओवर तक चलता है और अच्छी टीम के खिलाफ खेलने के लिए आपको शत प्रतिशत बढ़िया क्रिकेट खेलना होता है। बतौर क्रिकेटर मेरे लिए मेरी मानसिकता सिर्फ इस तथ्य से बदलती है कि मैं वनडे प्रारूप की मांग के अनुसार तैयारी कैसे शुरु करता हूं। और अगर तैयारी ठीक होती है तो मैं मैदान में जाकर हालात को पढ़ लूंगा। आधे समय परिस्थितियां खुद ही बता देती हैं इसलिये आपको कोई ‘रॉकेट साइंस‘ की जरूरत नहीं है। आप सिर्फ मैच देखो और समझने की कोशिश करो कि क्या हो रहा है और समझदारी भरा फैसला करो।“